ऋषिकुल आश्रम

ऋषिकुल आश्रम का उदय एक संस्‍था के रूप में नही बल्कि एक विचार अभियान के रूप में हुआ। यह आश्रम बिगत ४० वर्षो से लगातार समाज के बीच में एक अभियान के रूप में कार्य कर रहा है। संस्‍थाके माध्‍यम से समाज में ब्‍याप्‍त कुरीतियों को लेकर क्षेत्र में बडा जनमानस बना और लोग संस्‍था के संस्‍थापक पं0 उपेन्‍द्रनाथ जी से जुडते चले गये। वर्ष २००० मे ऋषिकुल आश्रम एक पंजीकृत संस्‍था के रूप में समाज में उभरा। इस आश्रम की गतिविधियां इतनी तेज थी कि क्षेत्रीय सामांतशाही लोगों को लगने लगा कि हमारा अस्तित्‍व खतरे में न पड जाये संस्‍था के सामने कई प्रकार की चुनौतिया लोगों ने खडी कर दी, लेकिन विशाल हदयी पं0 उपेन्‍द्रनाथ जी के कुशल निर्देशन में समस्‍त प्रकार की बाधाओं को पार करते हुये यह आश्रम समान विविधताओं के साथ, विभिन्‍न रंगो के साथ आज समाज में अपनी महक फेला रहा है।

ऋषिकुल आश्रम सामाजिक संस्‍थान है जो युवाओ की प्रतिभाओं को निखारने, स्‍वरोजगार, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, सांस्‍कृतिकसामाजिक कार्यो में सतत् कार्यशील है।